गुरुवार, 31 अक्तूबर 2013

ले संकल्प . . .

लो आ गया नूतन वर्ष भोर, ले आओ तुम रोली चन्दन
स्नेह प्यार का ले संकल्प , करो नूतन वर्षाभिनंदन
नया सूरज उग आया देखो
नयी किरण है नयी उमंग
नयी कलियाँ हैं नए उपवन की
नया फूल है नारंगी रंग
चिड़िया चहकी कलियाँ महकी, कैसा कलरव हैं कैसा क्रंदन |
राष्ट्र-चेतना का ले संकल्प, करो नूतन वर्षाभिनंदन ||
उषा के शुभ मुर्हुत पर,
भोर-हवन ले पंडित आये,
हिन्द देश के कौने-कौने
खुशहाली के दीप जलाये,
रणवीरों तुम थमा लो तलवार, मातृ-भूमि का है आज रक्षाबंधन|
स्वदेशबली का ले संकल्प, करो नूतन वर्षाभिनंदन ||
हलधरों ने हल उठाया
सैनिकों ने हथियार
अनपढ़ो ने पोथी उठाई
मजदूरों ने औजार
ज्वार से ज्यों उठता सागर, जाग उठा सारा जन-जन|
नव-जागृति का ले संकल्प, करो नूतन वर्षाभिनंदन ||
दलितों का हाथ बांटकर
अनाथों का कष्ट सहो,
हो जाओ तुम पवन से शीतल
स्वच्छ जल से शालीन बहो
फंदा फंसा हैं गले में जिसके, पहना दो उसे कंगन|
सहानुभूति का ले संकल्प, करो नूतन वर्षाभिनंदन ||
सद्भावना का दीप जलाओ,
मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर में
गंगा-यमुना-सरस्वती वर्ग-धाराओं को,
मिला दो उफनते जन-सागर में
एक झोली में भर दो ये भिन्नता के फूल, बांध दो माला से बंधन|
सर्व-एकता का ले संकल्प, करो नूतन वर्षाभिनंदन ||

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