युवा कवि एवं साहित्यकार भाई - सुखदेव 'करुण' द्वारा मुझे अपने ब्लॉग - 'कलरव काव्य संग्रह '
जंग लड़ेंगे दोनों साथ जिंदगानी में
दो पल का तुम बस मुझे साथ दो ||
कुछ तुम चलना कुछ मैं चलूँगा,
खाइयाँ ये राह-ए-मंजिल की पाट दो||
कुचल जायेगी क़दमों तले ये लम्बी डगर
तन-मन में भर उत्साह चुनौतियों को मात दो||
कुछ तुम चलना कुछ मैं चलूँगा,
बढाओ कदम, हाथों में अपना हाथ दो ||
सुखदेव 'करुण' पर लेखक के रूप में जोड़ने के लिए हार्दिक आभार ....
जंग लड़ेंगे दोनों साथ जिंदगानी में
दो पल का तुम बस मुझे साथ दो ||
कुछ तुम चलना कुछ मैं चलूँगा,
खाइयाँ ये राह-ए-मंजिल की पाट दो||
कुचल जायेगी क़दमों तले ये लम्बी डगर
तन-मन में भर उत्साह चुनौतियों को मात दो||
कुछ तुम चलना कुछ मैं चलूँगा,
बढाओ कदम, हाथों में अपना हाथ दो ||
साभार - राजेश कुमार सिंघल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें